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पुरानी चाबी से नए ताले नहीं खुलते ।

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गलातियों 6:10 इसलिये जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें, विशेष करके विश्‍वासी भाइयों के साथ।

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पुरानी चाबी से नए ताले नहीं खुलते ।


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हम सभी के साथ कुछ मुश्किल रिश्ते होते हैं, है ना? कुछ, साल-दर-साल, बिना बेहतर हुए  दूर होते जाते हैं। संघर्ष, चोट, बनी रहती है। और यह रिश्ते आपकी शांति को लूट लेते है।

तो आप इनसे कैसे निपटते हैं? ज्यादातर, जब हम उन लोगों से मिलते हैं, यहां तक कि जब हम उनके बारे में सोचते भी हैं, तो वही पुरानी नकारात्मक भावनाएं मन में उठती हैं और हमारी प्रतिक्रिया भी नकारात्मक होती है। हम उन्हें अपने से अलग कर देते हैं, हम उन्हें नज़रअंदाज़ करते हैं, हम उन्हें अपने चेहरे के भाव और अपनी आवाज़ के लहजे से दिखाते हैं कि हम वास्तव में उन्हें पसंद नहीं करते।

हम चाहते हैं कि स्थिति बदलें। हम अपनी शांति वापस चाहते हैं, लेकिन वे नकारात्मक भावनाएं हम पर हावी होती रहती हैं।

गलातियों 6:10 इसलिये जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें, विशेष करके विश्‍वासी भाइयों के साथ। 

“इसलिए जहां तक अवसर मिले …”। यह आश्चर्यजनक है कि परमेश्वर हमें कितनी बार अवसर देता है। और वह हमें यहाँ क्या करने के लिए कहता है? अपनी भावनाओं को बदलने के लिए, अपनी भावनाओं पर काम करने के लिए? बिल्कुल नहीं!, क्योंकि जब आप उनके बारे में सोचते हैं, आप किसी के बारे में कैसा महसूस करते हैं, इन भावनाओं को बदलना असंभव है। लेकिन परमेश्वर कहता है: “इसलिये जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें”। 

बस भलाई करें। पुरानी प्रतिक्रियाओं से काम नहीं चलेगा। पुरानी चाबियां कभी नए दरवाजे नहीं खोलतीं। हमें एक नई चाबी चाहिए। और यह चाबी हमारे जीवन में उन कठिन लोगों के साथ केवल भलाई करना है…… परमेश्वर द्वारा दिए गए हर अवसर पर … चाहे हम कैसा भी महसूस करें।

उन्हें देख कर मुस्कुराएं, उन्हें प्रोत्साहित करें, उन्हें आशीर्वाद दें। और जब हम उनका भला करते हैं तो एक अजीब बात होती है। अचानक हमारी भावनाएं बदल जाती हैं। पुरानी चाबियां नए दरवाजे नहीं खोलतीं।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।